अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

मई 10 2021 को अपडेट किया गया

यह सूचना हमने विभिन्न विश्वसनीय संगठनों (जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), the युनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (MoHFW),  इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR), क्लीवलैंड क्लिनिक आदि) की वेबसाइट से जुटाई है। इसमें से कुछ हिस्सा शब्दशः उसी तरह पेश किया गया है, जबकि कुछ जगहों पर इसे नए सिरे से लिखा गया है। यह सूचना एकत्रित करने के लिए हम इन संगठनों के कठिन परिश्रम का आभार प्रकट करते हैं।

महत्वपूर्ण शब्दावली:

डब्लू.एच.ओ: विश्व स्वास्थ्य संगठन

सी.डी.सी: युनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन

कोविड-19: कोविड-19 एक नई बीमारी है, जो नवल (नए) कोरोना वायरस (सार्स-कोव-2) की वजह से होती है जिसे इंसान में पहले कभी नहीं देखा गया था। कोरोनावायरस के बहुत से प्रकार होते हैं और इनमें वह भी शामिल हैं जो आमतौर पर ऊपरी श्वसनतंत्र (साइनस, नाक की नली, जल आदि जाने की नलिका और कंठ) में हल्की बीमारी पैदा करता है। ‘कोविड-19’ में ‘सीओ’ है कोरोना के लिए, ‘वीआई’ है वायरस के लिए, ‘डी’ है डिजीज या रोग के लिए और ‘19’ है 2019 वर्ष के लिए।


कोविड -19 का प्रसार
कोविड-19 कैसे फैलता है?

किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 उन लोगों से हो सकता है जिनमें इस वायरस का संक्रमण है। जब कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छीकता है या सांस छोड़ता है तो उसके नाक या मुंह से निकली छोटी बूंदों से यह रोग दूसरे में फैल सकता है। ये बेहद नन्ही बूंदें उस व्यक्ति के आस-पास की दूसरी चीजों और सतहों पर भी गिर सकती है। दूसरा व्यक्ति उस सामान या सतह के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह, नाक या आंख को छूने से भी कोविड-19 से संक्रमित हो सकता है। लोग संक्रमित व्यक्ति के खांसने या सांस छोड़ने से निकली बूंदों को सांस के जरिए अंदर लेने से भी संक्रमित हो सकते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि बीमार व्यक्ति से 3-6 फीट या 1-2 मीटर दूर रहा जाए।


क्या उस व्यक्ति से कोविड-19 हो सकता है जिसे कोई लक्षण नहीं हैं?

ज्यादातर लोग यह बीमारी तभी फैलाते हैं जब उनके लक्षण दिष्टिगोचर होने लगते हैं, यानी वे बीमार हो चुके होते हैं। क्योंकि इस बीमारी के फैलने का सबसे प्रमुख माध्यम खांसने या छींकने से निकली बूंदें हैं। हालांकि यह संभव है कि कुछ मामलों में लक्षण सामने आने से पहले भी संक्रमण फैले। इसलिए जिन लोगों में लक्षण नहीं हैं, उनके साथ भी एक तय शारीरिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है।


क्या ऐसा व्यक्ति जिसे कोरोना-19 के लिए क्वेरैंटाइन किया गया है, इस बीमारी को फैला सकता है?

क्वेरैंटाइन का मतलब है संक्रामक बीमारी की जद में आ चुके लेकिन अब तक लक्षण विकसित नहीं हुए किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को ऐसे लोगों से अलग रखना, जो इस वायरस की जद में नहीं आए हैं। क्वेरैंटाइन का उद्देश्य इस बीमारी के फैलाव को रोकना है। किसी व्यक्ति को कोविड-19 जैसे वायरस के संपर्क में आने के 10 दिन के अंदर ही लक्षण विकसित हो जाते हैं। इसलिए जिन लोगों के वायरस के संपर्क में आने का डर है, उन्हें 10 दिन के लिए अलग रखना जरूरी होता है। इस अवधि के दौरान वे अलग नहीं रहे तो बीमारी को दूसरों में भी फैला सकते हैं। क्वेरैंटाइन की अवधि के बाद माना जाता है कि उनसे इस बीमारी के फैलाने का डर नहीं है।


क्या भोजन के माध्यम से भी कोविड-19 फैल सकता है?

आम तौर पर कोरोना वायरस एक व्यक्ति की संक्रमित बूंदों के दूसरे व्यक्ति के स्वशन तंत्र में पहुंचने से ही फैलता है। अब तक खाने-पीने के सामान से कोरोना वायरस फैलने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। खाना तैयार करने या खाने से पहले सामान्य खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी हमेशा साबुन और पानी से 20 सेकेंड तक हाथ धोना बहुत जरूरी है। नाक साफ करने, खांसने, छींकने या शौचालय का उपयोग करने के बाद अपने हाथ को धोना बहुत जरूरी है।

यह संभव है कि किसी व्यक्ति ने ऐसे सामान या सतह को छूआ हो जहां यह वायरस हो और फिर उसने अपने मुंह, नाक या आंख को छूआ हो तो उसे कोविड-19 हो जाए, लेकिन इसे इस वायरस के प्रसार का मुख्य तरीका नहीं माना गया है।

सामान्य तौर पर, कोविड-19 को किसी सतह पर लंबे समय तक जीवित रहना मुश्किल होता है, इसलिए खाने-पीने की चीजों या ऐसे पैकेट जिन्हें कई दिन अथवा सप्ताह पहले रूम तापमान या नियंत्रित तापमान अथवा जमा देने वाले तापमान पर भेजा गया हो उनसे कोविड-19 होने का खतरा बहुत कम है।


जिन क्षेत्र में कोविड-19 फैला हो, वहां से कोई पैकेट प्राप्त करना सुरक्षित है?

हां। इस बात की आशंका बहुत कम है कि कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति किसी पैकेट की सामग्री को संक्रमित कर देगा। चूंकि ये पैकेट विभिन्न परिस्थितियों और तापमान में लाए जाते हैं तो इस बात की भी आशंका बहुत कम है कि पैकेट के बाहरी हिस्से से लोगों को कोविड-19 हो जाए। हालांकि सलाह दी जाती है कि किसी दूसरे के हाथ से आए हुए किसी भी सामान को छूने के बाद आप अपने हाथ को साबुन और पानी से 20 सेकेंड तक धो लें।


लक्षण, परीक्षण, उपचार
कोविड-19 के लक्षण क्या हैं?

कोविड-19 के मुख्य लक्षण बुखार, खांसी और सांस लेने में समस्या है। बीमार को थकान, बदन दर्द और नाक जाम होना, गले में खराश, स्वाद या सूघने की क्षमता घटना और उल्टी-दस्त की समस्या भी हो सकती है; हालांकि कुछ लोग जो इससे संक्रमित हो जाते हैं, उनको कोई भी लक्षण नहीं होते। इससे संक्रमित होने वाले अधिकांश लोगों को किसी विशेष इलाज की जरूरत नहीं होती। लेकिन कुछ लोग बेहद गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगती है।

किसी भी अन्य लक्षण के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।


अगर लगता है कि मैं बीमार हो गया हूं तो मुझे क्या करना चाहिए?

अगर आपको कोविड-19 के लक्षण हैं तो आप घर पर ही रहें और दूसरों से जहां तक हो सके दूरी बनाए रखें। अगर आपको लगता है कि आप कोविड-19 के संक्रमण के दायरे में आ गए हैं और बुखार या कफ और सांस लेने में परेशानी जैसे दूसरे लक्षण पैदा हो रहे हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। अधिकतर लोग घर पर ही ठीक हो जाते हैं; लेकिन अगर आपको लगे कि स्थिति ज्यादा खराब हो रही है तो अवश्य उपयुक्त इलाज हासिल करें। अगर आप किसी डॉक्टर के पास या अस्पताल जाते हैं तो पहले ही बता दें कि आपको कोविड-19 हो सकता है ताकि स्वास्थ्य सेवा देने वाले खुद को सुरक्षित रख सकें।


खुद को और मेरे परिवार को कैसे बचाये 
कोविड-19 का खतरा कम करने के लिए मेरा परिवार क्या कदम उठा सकता है?

कोविड-19 से बीमार होने के खतरे को कम करने के लिए बचाव के उपाय आप खुद भी रोजाना अपनाएं और साथ ही अपने घर के सभी लोगों को भी ऐसा करने के लिए कहें। ये कदम खास तौर पर बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए जरूरी हैं:

  • बीमार लोगों से नजदीकी संपर्क से बचें।
  • अगर आप बीमार हैं तो इलाज करवाने के अलावा घर पर ही रहें।
  • फेस कवर या मास्क पहनें।
  • खांसी करते समय या छींकते समय कोहनी के अंदरूनी हिस्से से मुंह को ढकें या टिशू पेपर का उपयोग कर उसे डस्टबीन में फेकें। इसके बाद अपने हाथ धोएं।
  • अपने हाथ को साबुन और पानी से अच्छी तरह 20 सेकेंड धोएं, खास तौर पर नाक को साफ करने के बाद, खांसने या छींकने के बाद, शौचालय के प्रयोग के बाद और भोजन बनाने या खाना खाने के पहले।
  • अगर साबुन और पानी उपलब्ध नहीं हों तो आप अल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें कम से कम 60% अल्कोहल हो। हाथ अगर गंदे दिख रहे हैं तो अवश्य उसे साबुन और पानी से धोएं।
  • जिन सतहों को लोग बार-बार छूते हैं, उनको साफ और कीटाणुमुक्त करें (जैसे फोन, दूसरे एलेक्ट्रॉनिक सामान, टेबल, काउंटर, बिजली उपकरणों के स्विच, दरवाजे के हैंडल और आल्मारियों के हैंडल)
  • टीका लगवाएं।

कोविड-19 का कोई टीका है?

COVID-19 को रोकने के लिए दो टीके हैं, और कुछ विकास में है। भारत में केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए अधिकृत किए गए दो टीके कोविशिल्ड® (सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित एस्ट्रोजेनेका का टीका) और कोवाक्सिन® (भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित) हैं।

स्रोत: https://www.mohfw.gov.in/covid_vaccination/vaccination/faqs.html 

अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारे वैक्सीन FAQ पृष्ठ देखें।


सोशल डिस्टेंसिंग’ बनाए रखने का क्या मतलब है? 
  • दूसरों से दूरी पर रहें (3-6 फीट या 1-2 मीटर)।
  • सार्वजनिक वाहन, टैक्सी या राइड शेयर वाली गाड़ियों का इस दौरान प्रयोग नहीं करें।
  • भीड़ वाली जगहों (जैसे- शॉपिंग सेंटर, स्कूल, कार्यस्थल, सिनेमा हॉल और मंदिर, मस्जिद व चर्च जैसे धार्मिक स्थल) जाने से बचें।

उच्च जोखिम
कोविड-19 से गंभीर जटिलता का खतरा किन लोगो को है?

कोविड-19 से किसी भी उम्र के लोग संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इस बीमारी से बहुत अधिक प्रभावित होने का खतरा होता है। इनमें ये शामिल हैं:

  • बुजुर्ग लोग
  • जिन लोगों को पहले से हृदय रोग, मधुमेह और फेफड़ों की गंभीर समस्या आदि हो

हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि दूसरे लोगों को यह बीमारी नहीं होगी या उनमें इसकी प्रतिरोधी क्षमता होती है। हर व्यक्ति को इसका खतरा है; किसी-किसी को ज्यादा है।


अधिक सूचना के लिए कृपया निम्न लिंक पर जाएं:

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (MoHFW)

इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR)

विस्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) एफ.ए.क्यू

सीडीसी एफ.ए.क्यू

सीडीसी हाउ इट स्प्रेड्स

सीडीसी गर्भावस्था और स्तनपान

बोस्टन पब्लिक हेल्थ कमीशन

क्लेवलैंड क्लीनिक


इस जानकारी को हार्वर्ड चैन स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ और दाना-फ़ार्बर कैंसर इंस्टीट्यूट (DFCI) के विश्वनाथ लैब ने दाना-फ़ार्बर / हार्वर्ड कैंसर सेंटर (DF/HCC) के हेल्थ कम्युनिकेशन कोर की मदद से क्यूरेट किया है। ये हार्वर्ड चैन या DFCI के आधिकारिक विचार नहीं हैं। किसी भी प्रश्न, टिप्पणी या सुझाव के लिए rpinnamaneni@hsph.harvard.edu को इ-मेल करें।